केरल में गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिलाकर मारने पर दुखी हुए Kartik Aaryan,बोलें 'शर्मनाक घटना'
नई दिल्ली। केरल के मल्लपुरम ( Kerala Malappuram ) में गर्भवती हथिनी ( pregnant elephant ) को पटाखों से भरा अन्नास खिलाकर ( Crackers-Filled Pineapple ) उसकी हत्या पर आज पूरे देशभर में चर्चा के साथ चिंता व्यक्त की जा रही है। इस घटना ने इंसानियत पर ढेरों सवाल खड़े कर दिए हैं। केरल से आई इस दुखद घटना ने मानवता को शर्मसार करके रख दिया है। सोशल मीडिया ( Social Media ) पर वायरल हो रही हथिनी की तस्वीरों (Kerala Elephant Photos Viral ) ने इंसानियत शब्द के नाम से पर्दा हटा दिया है। इस घटना पर बॉलीवुड जगत ( Bollywood Insdusty ) के बीच भी काफी गुस्सा दिखाई दिए। सभी ने सोशल मीडिया के जरिए हथिनी की इस तरह से की गई हत्या पर अपना गुस्सा व्यक्त किया। अभिनेता कार्तिक आर्यन ( Kartik Aaryan ) ने भी एक पोस्ट शेयर की है।
कार्तिक आर्यन ने इंस्टाग्राम ( Kartik Instagram ) पर केरल में हुई गर्भवती हथिनी की मौत पर दुख जताते हुए एक तस्वीर पोस्ट की है। ब्लैक एंड वाइट ( Black And White Photo ) में बड़ी सी एक हथिनी नज़र आ रही है। सिर झुका हुआ है और आंखें नम हैं। तस्वीर को शेयर करते हुए कार्तिक ने कैप्शन में लिखा 'शर्मनाक..आत्मा को शांति दे।' कार्तिक की पोस्ट को लगभग सात से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। साथ ही कमेंट में वह भी देश में घटित इस घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं रखते हुए नज़र आ रहे हैं। इस घटना से सभी बेहद दुखी हैं।
बता दें हथिनी खाने की तलाश ( Elephant Searching For Food ) में जंगल में बाहर पास के ही गांव में चली गई थी। खाने की तलाश करते हुए वह सड़कों पर घूमने लगी। तभी वहां के कुछ लोगों ने उसे पटाखों से भरा हुआ अनानास खाने को दे दिया। अनानास खाते ही वह बम उसके मुंह में फट ( Bomb explodes in her mouth ) गया। जिसके कारण हथिनी का मुंह और सूंड पूरी तरह से घायल हो गई। वन अधिकारी मोहन कृष्णन्न ( Forest Officer Mohan Krishnan ) ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'हथिनी ने सब पर भरोसा किया। जब उसके मुंह में वो अनानास फटा होगा तो वह सही में डर गई होगी और अपने बच्चे के बारे में सोच रही होगी, जिसे वह 18 से 20 महीनों में जन्म देने वाली थी। उन्होंने यह भी बताया कि उस हथिनी ने किसी भी घर या इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। वह अपने दर्द को कम करने के लिए वेलिन्यार नदी में चुपचाप जाकर खड़ी हो गई। उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई लेकिन उसने किसी को भी अपने पास नहीं आने दिया और 27 मई के दिन दोपहर 4 बजे नदी में खड़े-खड़े ही उसकी मौत हो गई।'
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