धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा के दो बड़े दिग्गज़ दो बड़े दिग्गज के रूप में जाने जाते हैं। दोनों ही अपने दौर में बेहद चर्चित और सफल रहे। इस जोड़ी ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में एक साथ काम किया और सफ़ल भी रहे। फ़िल्मी पर्दे पर साथ में दमखम दिखाने के साथ ही दोनों असल ज़िंदगी में भी एक दूसरे के अच्छे दोस्त है। दोनों के असल ज़िंदगी की दोस्ती की मिसाल देने के साथ ही फ़िल्मी पर्दे की दोस्ती की भी लोग मिसाल देते हैं।
धर्मेंद्र और अमिताभ ने हिंदी सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फ़िल्म ‘शोले’ में इतना बेहतरीन काम किया कि फ़िल्म ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए और बहुत से नए कीर्तिमान स्थापित कर दिए। वहीं फ़िल्म में इन कलाकारों की दोस्ती के भी ख़ूब चर्चित रही। इस फिल्म के साथ ही ‘जय-वीरु’ की दोस्ती की मिसाल दी जानी लगी। गली नुक्कड़ों ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़गें......’ की धुन सुनाई देने लगी थी।
इसी फ़िल्म की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र ने कुछ ऐंसा कर दिया अमिताभ बच्चन की जान की जान पर बन आई थी। आइए जानते हैं क्या था पूरा मामला।
अमिताभ बच्चन ने एक बार अपने बहुचर्चित टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति के दौरान इस किस्से के बारे में विस्तार से बात की थी। अमिताभ बच्चन ने बताया था कि, ‘जब हम शोले के सेट पर शूटिंग कर रहे थे, तब धरम जी एक पहाड़ी के नीचे खड़े थे और मैं पहाड़ी की चोटी पर था। इसी दौरान धर्मेन्द्र बंदूक को उठा कर देख रहे थे।
इसी दौरान अमिताभ बच्चन ने उन्हें किसी बात पर चिढ़ा दिया। धर्मेन्द्र गुस्से में आकर धर्मेन्द्र में असली कारतूस डालकर फायर कर दिया। हालांकि शूटिंग के लिए नकली कारतूस का प्रयोग किया जाना था।
अमिताभ ने बताया कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि बंदूक में असली गोलियां हैं। जब गोली अमिताभ के कान के पास से गुजरी तो वह उसकी आवाज सुनकर सन्न रह गए। हालांकि इस वजह से अमिताभ कोई चोट नहीं पहुंची।
फिल्म शोले साल 1976 में 15 अगस्त के मौके पर रिलीज हुई फ़िल्म ‘शोले’ ने बेहद जबरदस्त प्रदर्शन किया था। हालांकि शुरूआती तौर पर इस फिल्म को दर्शको की उतनी भीड़ नहीं मिली थी। लेकिन जैसी लोगों ने फिल्म देखकर इसके किस्से सुनाई तब फिल्म हिंदी सिनेमा के लिए माइलस्टोन बन गई।
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