साल 1986 में उनके फ़िल्मी करियर की शुरुआत हुई थी और 90 के दशक तक तो गोविंद एक चर्चित चेहरा बन गए थे। इस दौरान उन्होनें दरिया दिल, खुदगर्ज, जैसी करनी वैसी भरनी जैसी फिल्मों में काम कर चुके थे। उन्होनें हिंदी सिनेमा में अपनी अदाकारी से ख़ूब वाहवाही लूटी और अपनी कॉमेडी और बेहतरीन डांस से भी उन्होंने हर किसी के दिल पर राज किया।
बता दें कि गोविंदा के पिता अरुण आहूजा भी एक अभिनेता थे। उनकी मां का नाम निर्मला देवी था। उनकी मां एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका और एक अभिनेत्री थीं। गोविंदा ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1986 में आई फिल्म ‘इल्जाम’ से की थी।
गोविंदा के जीवन में संघर्ष भी रहा है। बता दें कि, गोविंदा के जन्म के साथ ही उनके पिता ने उन्हें गोद में लेने से मना कर दिया था। इस बात का खुलासा खुद गोविंदा ने अपने साक्षात्कार में किया था। एक बार उन्होंने बताया था कि, उनके जन्म के बाद उनके पिता ने उन्हें गोद में लेने और छूने तक से मना कर दिया था।
वहीं अपने साक्षात्कार में गोविंदा ने अपनी मां के बारे में भी बात की थी। उन्होंने अपनी मां को लेकर कहा था कि, जब वो अपनी मां के पेट में थे तभी उनकी मां साध्वी बन गई थीं। भले ही वो शादीशुदा थीं और पति के साथ रह रही थीं लेकिन उनका जीवन बिलकुल साध्वी जैसा हो गया था। गौरतलब है कि, गोविंदा की मां असल में मुस्लिम थीं। उनका नाम पहले कुछ और था। अरुण आहूजा से शादी करते ही उन्होंने अपना धर्म और नाम दोनों बदल लिया था।
बताया जाता है कि हिंदू धर्म से गोविंदा की मां बहुत प्रभावित थीं। गोविंदा ने पिता द्वारा खुद को गोद में न लेने और न छूने का कारण भी बताया था। सुपरस्टार ने बताया था कि, उनके पिता को लगता था कि गोविंदा के कारण ही उनकी पत्नी साध्वी बन गईं हैं।
हालांकि बाद में लोगों ने गोविंदा के पिता को समझाया कि गोविंदा की मां के साध्वी बनने में उनका कोई दोष नहीं हैं। बाद में गोविंदा के पिता अरूण अहूजा मान गए और उन्होनें गोविंदा को अपना लिया। इन दोनों के बीच बाद में बेहतर तालमेल देखा गया।
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