गौरतलब है कि सुष्मिता सेन ने फ़िल्मी दुनिया में आने से पहले मिस यूनिवर्स का ख़िताब जीतकर दुनियाभर में नाम कमाया था और भारत का नाम भी पूरी दुनिया में रौशन किया था। साल 1994 में उन्होंने अपने नाम यह ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की थी। हालांकि इससे ठीक पहले अभिनेत्री को लोगों के ताने सुनने पड़े थे और लोगों ने अभिनेत्री का मनोबल तक गिराने का काम किया था।
सुष्मिता ने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत साल 1996 में फिल्म दस्तक से की थी। लेकिन उन्हें सही पहचान 1997 में मिलीं जब उन्होनें करिश्मा कपूर, सलमान खान के साथ फिल्म बीवी नं. 1 में काम किया। इस फिल्म में उनके शानदार अभिनय के लिए उन्हें उस साल का बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया।
19 नंबवर 1975 को हैदराबाद में जन्मी सुष्मिता सेन एक सैनिक परिवार से नाता रखतीं हैं। उनके पिता वायुसेना में कमांडर थे। इसी के चलते सुष्मिता सेन दिल्ली आकर वायुसेना की एक एकेडमी में प्रवेश लिया। लेकिन उनकी किस्मत में विश्व पर राज करना लिखा था।
1994 में वे पहले मिस इंडिया और इसके बाद मिस यूनिवर्स चुनी गईं। जिसके बाद से उन्हें दुनिया में पहचान मिली। मिस यूनिवर्स कॉम्पटिशन में सुष्मिता सेना ने महंगी ड्रेस बल्कि अपनी मां के हाथ की ड्रेस पहनी थी। और जो क्लव्ज सुष्मिता पहने हुए थीं वह साधारण मोजे से बने हुए थे।
एक बार सुष्मिता सेन एक टीवी शो में पहुंची थी और इस दौरान अभिनेत्री ने मिस यूनिवर्स बनने से पहले और बनने के बाद के समय को याद किया था। इस शो के दौरान उन्होनें बताया था कि कि जब वे मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के लिए भारत से जा रही थी तो उनके साथ क्या हुआ था और यह ख़िताब जीतकर आने के बाद क्या हुआ था।
सुष्मिता सेन ने कहा था कि, ‘मैं जब फिलीपींस के लिए भारत से निकल रही थी तो हर कोई मुझे कह रहा था कि इंडिया कभी मिस यूनिवर्स नहीं जीत सकता. अगर टॉप-10 या 15 में आ जाओ तो बड़ी बात है इसलिए कोशिश यही करना कि फाइनल स्टेज तक पहुंच सको। मुझे ये बचपन से सिखाया गया था कि हार तो माननी ही नहीं चाहिए और कोशिश करने से पहले तो बिल्कुल भी हार नहीं।
अभिनेत्री ने बताया कि जब वे खिताब जीतकर भारत लौटीं तो उन्हीं लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। यह लम्हा केवल उनके लिए नहीं बल्कि हर भारतीय के लिये गौरवशाली था।
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