अभिनेता मनोज बाजपेयी को हाल ही फिल्म 'भोंसले' में उम्दा अदाकारी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह सम्मान उनके लिए कितना मायने रखता है, अवॉर्ड मिलने के बाद दिए उनके एक इंटरव्यू से समझा जा सकता है। मनोज ने कहा, 'अक्सर, कॅरियर में ऐसे मौके भी आए, जब मेरे श्रेष्ठ काम को भी नजरअंदाज कर दिया गया। ये कैरेक्टर मेरे दिल के बहुत करीब थे, जिन्हें निभाने पर गर्व महसूस होता था। लेकिन, मुझे इन किरदारों के लिए सम्मानित नहीं किया गया। मेरे फैंस, जिन्हें मेरे काम के बारे में पता था, उन्होंने इसका विरोध भी किया, लेकिन मैंने अपनी ओर से कभी कुछ नहीं कहा। मुझे हमेशा से पता था कि एक दिन भगवान मुझ पर जरूर मेहरबान होगा। 'भोंसले' में मेरे काम को सराहना मिलने से, अब वे सारे मलाल दूर हो गए।'
अब तक का मुश्किल रोल
सेट पर जहां मैं कॅरियर का सबसे चुनौतीपूर्ण रोल कर रहा था वहीं सेट के बाहर मैं इस फिल्म के लिए पैसे एकत्र कर रहा था। ताकि फिल्म बंद न हो जाए। हमारे पास केवल 10 दिनों की शूटिंग के लिए ही पैसे बचे थे। हमने इसके साथ ही शूटिंग शुरू की। हर शॉट के बाद मैं अपनी वैन में जाकर उन लोगों को कॉल करता, ताकि फिल्म के लिए कुछ निवेशक जुटा सकूं। इसलिए भी मुझे इस फिल्म और रोल पर गर्व है।
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