अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से ही बॉलीवुड में इंसाइडर्स—आउटसाइडर्स और गुटबाजी पर बहस छिड़ी हुई है। कई कलाकारों ने इस पर अपने विचार प्रकट किए हैं। कुछ स्टार्स मानते हैं कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म है और कुछ इसे नहीं मानते। अभिनेता दर्शन कुमार ने भी इस बारे में अपनी राय रखी। अभिनेता दर्शन कुमार का कहना है कि बॉलीवुड में इंसाइडर्स का आउटसाइडर्स पर प्रभाव जरूर रहता है, लेकिन प्रतिभा को कोई मात नहीं दे सकता।
दर्शन ने कहा, बेशक, इंसाइडर्स बचपन से इंडस्ट्री में रहकर बड़े होते हैं, इनके पिता अभिनेता या निमार्ता होते हैं, ऐसे में आउटसाइडर्स पर इनका दबदबा जरूर रहता है, जो बाहर से आते हैं और जिन्हें कुछ भी पता नहीं होता है। अपने बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, मुझे इंडस्ट्री और यहां काम करने के तौर-तरीकों को समझने में सालों लगे जबकि इंसाइडर्स इस बारे में पहले से ही जानते हैं।
उन्होंने आगे कहा, उन्हें जो करना होता है उसके लिए वे पहले से तैयार रहते हैं जबकि हम यहां आने के बाद ही चीजों को जान पाते हैं, तो वक्त लगता है लेकिन अगर आपमें प्रतिभा है, तो आपको कोई नहीं रोक सकता है। फिल्म 'मैरी कॉम' के इस अभिनेता ने यह भी कहा, दर्शकों को धन्यवाद क्योंकि वे अच्छे कलाकारों को देखना चाहते हैं। बीते जमाने में, एक ही स्टाइल से बात बन जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है क्योंकि अभी अगर कोई कलाकार एक ही जैसे किसी किरदार को बार-बार निभाता है तो दर्शक इससे उब जाते हैं। यह अपनी बारीकियों और एक्टिंग पर काम करने वाले थिएटर अभिनेताओं के लिए एक अच्छा समय है क्योंकि वे अलग-अलग तरह के किरदारों को निभा सकते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाते हैं।
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